रायपुर : संघर्ष की मिट्टी से बनी सरिता की तक़दीर
रायपुर
गाँव की उस कच्ची पगडंडी पर सरिता बाई नगेशिया अक्सर नंगे पाँव चला करती थीं। धूप कितनी भी तेज़ हो, बारिश कितनी भी ज़ोर से बरस रही हो, या ठंड कितनी भी कड़ाके की हो उन्हें हर हाल में रोज़ की मजदूरी पर जाना ही होता था। उनके लिए दिन का मतलब था…