बड़ी कंपनियों का नया खेला

पैकिंग वस्तुओं में वज़न सुनिश्चित हो: भारत सरकार को कैट ने लिखा पत्र

देश के व्यापारियों की शीर्ष संस्था कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया टेंडर्स (कैट) टीम ने कहा है कि बड़ी कम्पनियां पैकिंग में वजन निर्धारित ना होने के कारण मनमानी पैकिंग कर रेट का खेल रही है। कैट के प्रदेश सचिव अशोक दौलतानी ने बताया कि खाद्य व तेल व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि कम्पनियां अपने हिसाब से मनमानी पैकिंग करके कंज्यूमर को भ्रमित कर रही है।

व्यापारियों का कहना है कि तेल के किलो का पाउच धीरे धीरे 770 ग्राम का हो गया है तो पोहा के पैकेट कोई 900 ग्राम तो कोई 800 ग्राम का हो गया है। टीम कैट सतना ने व्यवसाय से जुड़े लोगों की समस्याओं को भारत सरकार को पत्र लिखकर इस पर हस्तक्षेप करने की मांग की है।

यही हाल बिस्कुट/ साबुन सहित अन्य अन्य खाद्य पैकिंग वस्तुओं का है। दुकानदारों की मानें तो अलग अलग कम्पनियां का अलग अलग वज़न होने के कारण इसके कंज्यूमर को उत्पाद के सही वज़न व भाव का पता ही नहीं चलता कि बाजार भाव क्या है। दुकानदारों का कहना है सरकार को चाहिए कि कम्पनियां एक वजन सुनिश्चित करें ताकि कन्ज्यूम को ज्ञात हो कि कितने वजन का सामान खरीद रहा है।

देश के व्यापारियों की शीर्ष संस्था कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया टेंडर्स (कैट) सतना के व्यापारियों ने राष्ट्रीय महामंत्री व सांसद नई दिल्ली प्रवीण खण्डेलवाल को एक पत्र लिखकर जो लोकसभा उपभोक्ता समिति के सदस्य भी हैं के माध्यम से भारत सरकार से मांग की है कि खाद्य पदार्थ व तेल व्यवसाय से जुड़े पदार्थ विशेषकर पैकिंग पर वजन सुनिश्चित करें ताकि कन्ज्यूम कीमत व वजन से अवगत हो।

टीम कैट सतना के व्यापारी के द्वारा इस तरह की उठाई गई मांग का स्वागत करते हुए जबलपुर कैट टीम एवं अन्य व्यापारी संस्थाओं ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को इस तरीके की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए, हम व्यापारियों द्वारा इसे अवगत कराए जाने से पहले ही इस तरह की बाजार में पैकिंग वस्तुओं के वजन में एवं उनकी कीमतों पर भिन्नताओं पर नजर रखन जरूरी है, व्यापारियों ने उपभोक्ता के हित का ध्यान रखा हुए कम्पनियों के इस रवैए पर चिंता व्यक्त की है।