IMD का ताजा अपडेट: पंजाब में अगले एक सप्ताह तक साफ मौसम, AQI में हुआ सुधार
लुधियाना/जालंधर। पंजाब में अगले एक सप्ताह तक मौसम साफ बना रहेगा। विभाग की ओर से मौसम को लेकर किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया गया। सोमवार पंजाब के विभिन्न जिलों में तेज धूप निकली। जिला फरीदकोट में अधिकतम तापमान 29.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
इसके बाद पटियाला का अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस, बठिंडा का 28.1 डिग्री सेल्सियस, मोहाली का अधिकतम तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस, फतेहगढ़ साहिब का अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
8 दिसंबर तक साफ रहेगा मौसम
वहीं जिला लुधियाना का अधिकतम तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। चौबीस घंटे के दौरान राज्य में अधिकतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है जोकि सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है। मौसम केंद्र चंडीगढ़ के अनुमान अनुसार 8 दिसंबर तक मौसम साफ रहेगा। इस दौरान मौसम का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
जालंधर के न्यूनतम तापमान में बढ़ोत्तरी
दिसंबर माह शुरू हो गया है। अभी भी सुबह-शाम के समय ठंड महसूस हो रही है, मगर बीते दिनों के मुकाबले में मौसम में बदलाव हो रहा है। बीते सप्ताह न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, वहीं सोमवार को न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो बढ़कर 10.5 डिग्री सेल्सियस हो गया है। इसी तरह दिन के समय तेज धूप खिलने से जालंधर का तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
आने वाले दिनों में धुंध पड़ने की संभावना
मौसम विभाग की मानें तो आने वाले तीन दिनों में जालंधर के बाहरी क्षेत्रों में हल्की धुंध पड़ने की संभावना है। इस वजह से तापमान में उतार-चढ़ाव देखा जा सकेगा। दूसरी तरफ, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की बात करें तो दिन के 15 घंटों में दोपहर तीन बजे तक एक्यूआई 103 से अधिकतम 223 तक रिकॉर्ड किया गया। वहीं चार बजे के बाद से एक्यूआई निरंतर 100 से नीचे रहा। इस कारण न्यूनतम एक्यूआई 73 तक पहुंचा और औसत एक्यूआई 158 दर्ज किया गया।
22 साल बाद नवंबर में नहीं हुई बारिश
अक्टूबर के बाद इस साल नवंबर में भी पंजाब में वर्षा नहीं हुई। वर्ष 2002 के बाद पहली बार नवंबर पूरी तरह से सूखा रहा। नवंबर में सामान्य तौर पर 5.1 मिलीमीटर वर्षा पंजाब में होती हैं, लेकिन इस बार बिलकुल भी वर्षा नहीं हुई। जिसकी वजह इस साल अक्टूबर व नवंबर में एक भी मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय न होना हैं।