भिखारी मुक्त होगा इंदौर, भीख देते मिले तो होगी कानूनी कार्रवाई, केंद्र सरकार की पहल

इंदौर: इंदौर को भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। फरवरी से शुरू हुए अभियान के पहले चरण में अगस्त तक भिखारियों और उनके परिजनों को भीख न मांगने की समझाइश दी गई। सितंबर से दिसंबर तक भिखारियों को रेस्क्यू किया जा रहा है। अब नए साल से इंदौर में भीख मांगने और भीख देने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी। स्वच्छ शहर इंदौर को भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए चल रहे अभियान में एक जनवरी से तीसरा चरण शुरू किया जाएगा। इसमें भीख मांगने और भीख देने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। 

अब तक 300 से ज्यादा को भेजा गया उज्जैन सेवाधाम आश्रम

कलेक्टर आशीष सिंह ने भिक्षा देने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के आदेश पहले ही जारी कर दिए हैं। तीन चरणों में शुरू हुए अभियान के दूसरे चरण में भिखारियों को रेस्क्यू किया जा रहा है। अब तक तीन सौ से ज्यादा बुजुर्गों और वयस्कों को रेस्क्यू कर उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा जा चुका है। वहीं 34 बाल भिखारियों को भी रेस्क्यू किया गया है। कलेक्टर ने अब अभियान का तीसरा चरण शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

केंद्र सरकार की पहल, इंदौर भी शामिल

गौरतलब है कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने देश के दस शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसमें इंदौर को भी शामिल किया गया है। इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए सात विभागों को शामिल कर टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें शहर में लगातार कार्रवाई कर रही हैं।