RBI-ED अधिकारी बनकर कॉल कर रिटायर्ड बैंककर्मी से 1 करोड़ की ठगी, 11 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट

पानीपत। क्रेडिट कार्ड से दो करोड़ की अवैध ट्रांजेक्शन के अपराध में जेल भेजने का डर दिखाकर 71 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंककर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ रुपये ठग लिए।

वीडियो कॉल कर बुजुर्ग को 11 घंटे 37 मिनट तक बेड से हिलने तक नहीं दिया। ठगी की आशंका होने पर बुजुर्ग ने 1930 पर सूचना दी। पुलिस ने तुरंत 22 लाख रुपये होल्ड कराए और मंगलवार को केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।

डिजिटल अरेस्ट से इतनी बड़ी ठगी का पानीपत में यह पहला मामला है। बुजुर्ग ने बताया कि वह घर में पत्नी के साथ रहता है। बच्चे बाहर रहते हैं। सात दिसंबर को दोपहर 12:15 बजे उसके मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले आरबीआई से बताते हुए कहा कि उसके नाम से बने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के क्रेडिट कार्ड से दो करोड़ की धोखाधड़ी हुई है।

इसके बाद कॉल कट गई। अगले दिन रात 10:09 बजे दूसरे नंबर से वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और वहीं दो करोड़ धोखाधड़ी वाली बात दोहराते हुए कहा कि इस अपराध में डिजिटल अरेस्ट किया जाता है। इसके बाद खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताते हुए एक करोड़ में समझौते की बात कही।

बुजुर्ग ने बताया कि उसे 11 घंटे 37 मिनट तक वीडियो कॉल पर बंधक बनाकर रखा। बेड से हिलने तक नहीं दिया। साथ ही धमकी दी कि रुपये नहीं दिए तो पूरे परिवार को भी जान से मार देंगे। बुजुर्ग ने बताया कि उसके पास एक पत्र भी आया, जिस पर नेशनल एंबलम का चित्र था। पत्र के अंत में मुंबई पुलिस का जिक्र था, जिस कारण वह डर गया।

उसने एफडी तुड़वा डीबीएस बैंक खाते में आरटीजीएस से 65 लाख रुपये भेजे। इसके बावजूद नौ व 10 दिसंबर को भी उसे वीडियो कॉल पर बंधक बनाकर रखा। 12 दिसंबर को इंडसइंड बैंक में 23 लाख आरटीजीएस कराए। फिर भी वीडियो कॉल आती रही। 16 दिसंबर को 12 लाख रुपये जमा कराए।

इसके बाद उसने 1930 पर कॉल कर आपबीती बताई। साइबर अपराध थाने के प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि अज्ञात पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस के पास डिजिटली व वर्चुअली अरेस्ट का कोई प्रविधान नहीं है।