हमारी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, विचारधारा का फर्क है

नागपुर। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी इसको लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने इस मुलाकात पर सवाल खड़े करते हुए शिवसेना पर बीजेपी के विचारों की ओर झुकने का आरोप लगाया है। आजमी ने कहा कि सीएम फडणवीस से मुलाकात व्यक्तिगत या प्रशासनिक कारणों से हो सकती है, लेकिन इस मुलाकात का राजनीतिक संदर्भ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो भी सीएम बनता है, हम अपने काम को लेकर उनसे मिलने जाते हैं। हमारी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। लेकिन विचारधारा का फर्क है। 

बाबरी मस्जिद विध्वंस की बधाई देना सेक्युलर राजनीति के खिलाफ 
अगर उद्धव ठाकरे ने राजनीतिक कारणों से यह कदम उठाया है, तो यह उनका फैसला है। हाल के दिनों में उनकी पार्टी के बयानों से यह साफ होता है कि वे बीजेपी की राह पर लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) ने सेक्युलर गठबंधन के सिद्धांतों का सम्मान नहीं किया। आजमी ने 6 दिसंबर से जुड़ी शिवसेना नेताओं की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की बधाई देना सेक्युलर राजनीति के खिलाफ है। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के नेताओं के इस तरह के बयान पर रोक लगाने की कोई कोशिश नहीं की गई।

कांग्रेस और सपा के बीच सीधा मतभेद नहीं है
इस बीच लखनऊ में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के शामिल न होने पर अबू आजमी ने कहा कि कांग्रेस और सपा के बीच सीधा मतभेद नहीं है, लेकिन कांग्रेस के व्यवहार से निराशा जरूर है। उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी में हम एक छोटी पार्टी हैं, लेकिन अक्सर हमें चर्चा में शामिल नहीं किया जाता है। कांग्रेस को लगता है कि वह अकेले चुनाव लड़ सकती है, लेकिन यह उनकी रणनीतिक भूल है। राहुल गांधी के नेतृत्व को सराहते हुए आजमी ने कहा कि वे लोकसभा में विपक्ष के एक मजबूत नेता के रूप में उभर रहे हैं। राहुल गांधी के आसपास के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे उन्हें गुमराह कर रहे हैं।राजनीतिक हलकों में यह बयान कई सवाल खड़े करता है। क्या उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की यह मुलाकात प्रशासनिक थी या इसके पीछे कोई राजनीतिक समीकरण बदलने की कोशिश हो रही है? आने वाले समय में इसके साफ संकेत देखने को मिल सकते हैं।