समयपालन और सुरक्षा पर भारतीय रेलवे का फोकस: अनावश्यक अलार्म चेन पुलिंग पर लगेगा अंकुश

भोपाल: भारतीय रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समयपालन प्राथमिकता देने के साथ अपने गंतव्य तक सुरक्षित और समय पर पहुंचाने का निरंतर प्रयास करती है। लेकिन कुछ यात्रियों द्वारा बिना किसी उचित कारण से यात्री गाड़ियों में अलार्म चेन पुलिंग (एसीपी) करने से न केवल प्रभावित गाड़ी बल्कि उसके पीछे आने वाली अन्य यात्री और मालगाड़ियां भी विलंबित होती हैं। इससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है और रेलवे को हर एसीपी घटना पर औसतन ₹52,000 का वित्तीय नुकसान होता है।

भारतीय रेलवे अब इस गंभीर समस्या पर कड़ा रुख अपनाने जा रही है। वर्तमान में अर्थदंड के साथ-साथ रेलवे को हुए नुकसान की वसूली की योजना तैयार की जा रही है। यह जल्द ही लागू होगा। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया कि अनाधिकृत चेन पुलिंग के मामलों में आरोपियों से नुकसान की वसूली के लिए न्यायालय में याचिकाएं दायर की जा रही हैं।

भोपाल मंडल में सख्ती का असर

पिछले तीन महीनों में भोपाल मंडल में रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 1262 आरोपियों के खिलाफ रेल अधिनियम की धारा 141 के तहत मामले दर्ज किए। इन मामलों में न्यायालय के आदेश पर कुल ₹2,90,775 का अर्थदंड वसूल किया गया।

यात्रियों को जागरूक करने की मुहिम

भारतीय रेलवे द्वारा अनावश्यक अलार्म चेन पुलिंग रोकने के लिए स्टेशनों पर लगातार घोषणाएं की जा रही हैं। पंपलेट लगाए जाते हैं और जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। रेलवे यात्रियों से अपील करता है कि बिना उचित कारण चेन पुलिंग से बचें, ताकि गाड़ियां समय पर चलें और यात्रियों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने बताया, "भारतीय रेलवे यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने और समयपालन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। अलार्म चेन पुलिंग जैसे अनुचित कार्यों से रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। हम यात्रियों से सहयोग की अपेक्षा रखते हैं कि वे जिम्मेदारी से यात्रा करें और रेलवे की संपत्ति का दुरुपयोग न करें।"

भारतीय रेलवे की यह पहल यात्रियों को समय पर गंतव्य तक पहुंचाने और रेलवे संचालन को और अधिक कुशल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।