फर्जी आधार कार्ड से होटल में रुके आतंकी, एक छोटी सी गलती से हुआ पर्दाफाश
चंडीगढ़। पंजाब में बनवाए गए फर्जी आधार कार्ड को दिखा खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के आतंकी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह व जश्नप्रीत सिंह पूरनपुर के होटल में रुके थे।
800 किलोमीटर दूर आकर तीनों खुद को सुरक्षित मान बैठे थे, मगर फर्जी आधार कार्ड बनवाने के दौरान खिंचवाए गए फोटो से फंस गए। पंजाब पुलिस को उस दौरान खींचे गए फोटो और तीनों के ताजा मूवमेंट की जानकारी मिल चुकी थी।
सोमवार सुबह किया आतंकियों का एनकाउंटर
वहां से सुराग की कड़ियां जुड़ती गईं, जिनके सहारे टीम पूरनपुर तक आ गई। इसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से सोमवार सुबह को तीनों आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया गया।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के कारण एनआइए और एसटीएफ भी प्रकरण की जांच में जुट गई है। मंगलवार रात तक टीमों ने नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र की स्थिति भी देखी। 18 दिसंबर को तीनों आतंकी गुरदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर हैंड ग्रेनेड फेंककर भागे तो छिपते-छिपाते पूरनपुर तक आ गए।
सोमवार को तीनों के एनकाउंटर के बाद खुफिया एजेंसियां यह पता करने में लगी हैं कि क्षेत्र में इनके मददगार कौन हैं। आरंभिक जांच में पता चला कि गुरविंदर की महिला रिश्तेदार लखीमपुर खीरी क्षेत्र में रहती है, जोकि पूरनपुर से सटा हुआ। तराई में कौन लोग इन तीनों के संपर्क में थे, इसकी जांच के लिए काल डिटेल और मोबाइल फोन का ब्योरा भी रिकवर किया जा रहा है।
पूरनपुर क्षेत्र पहले से ही आतंकवाद से ग्रसित रह चुका है। पता चला है कि तीनों आतंकी विदेश में रहने वाले सरगना के संपर्क में थे मगर, खुद कभी विदेश नहीं गए। इन तीनों से पासपोर्ट बरामदगी नहीं हुई।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गुरविंदर पर पंजाब में दो केस दर्ज हो चुके हैं, वीरेंद्र व जसनप्रीत उसी के कहने पर काम करते थे। ये तीनों आसपास गांव के रहने वाले थे। इनमें दो आपस में रिश्तेदार भी थे। तीनों आतंकियों से मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं।
आतंकियों ने ऑस्ट्रिया निर्मित पिस्टल से की थी फायरिंग
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गुरदासपुर के तीनों आतंकियों ने आस्ट्रिया निर्मित ग्लाक पिस्टल से पुलिस पर गोलियां दागी थी। आतंकियों के कब्जे से दो एके 47, दो ग्लाक पिस्टल, 133 कारतूस, 22 कारतूस खोखा, चोरी की बाइक, दो मोबाइल, 45 हजार की नकदी बरामद की गई थी।
आतंकियों के पास बरामद किए गए दो ग्लाक पिस्टल आस्ट्रिया निर्मित हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आतंकियों का विदेशी कनेक्शन था जिसके तहत उन्हें यह कीमती विदेशी पिस्टल उपलब्ध कराए गए।
विदेशी असलहों से ही आतंकियों ने पुलिस पर फायरिंग की। खुफिया विभाग की टीमें आतंकियों के विदेशी कनेक्शन सहित कई अहम जानकारियां जुटाने के लिए लगी हैं।