बीजापुर घटना के बाद मप्र में नक्सलियों के आने की संभावना

भोपाल। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के अंबेली गांव में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के विस्फोट में जवानों के बलिदान की घटना के बाद मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस खास सतर्कता बरती जा रही है। यहां छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर पुलिस और हाकफोर्स के जवानों को बेहद सतर्क रहने को कहा गया है। संभावना है कि डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) को नुकसान पहुंचाने के बाद छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इससे बचने के लिए नक्सली दोबारा बालाघाट में शरण ले सकते हैं। वहीं, बालाघाट रेंज के डिंडौरी जिले को एसएएफ की एक कंपनी मिल गई है। नक्सलियों के बालाघाट के जंगल में दाखिल होने से रोकने और मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बालाघाट में पहले से अलर्ट है, लेकिन बीजापुर की घटना ने यहां पुलिस अमले को और अधिक चौकन्ना कर दिया है। बालाघाट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार के मुताबिक, बीजापुर की घटना के बाद सतर्कता बढ़ाते हुए लगातार एहतियात बरत रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के बालाघाट के साथ ही मंडला और डिंडौरी जिले भी नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में हैं। ऐसे में, पुलिस बल के जवानों की संख्या बढ़ाने के लिए डिंडौरी जिले को राज्य सरकार ने विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) की एक कंपनी उपलब्ध कराई है। इस कंपनी में एसएएफ के 81 जवान हैं। हालांकि, महीने भर पहले बालाघाट पुलिस द्वारा केंद्र सरकार से दो बटालियन की मांग के करते हुए इसका प्रस्ताव भेजा जा गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सीआरपीएफ की दो बटालियन मिल जाएंगी।

400 हाकफोर्स जवानों की भर्ती की उम्मीद
 हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देशभर से नक्सलवाद को खत्म करने की बात कही। इस बीच, बालाघाट में हाकफोर्स के रिक्त और अतिरिक्त पदों पर जवानों की भर्ती उम्मीद बढ़ गई है। वहीं, राज्य सरकार ने हाकफोर्स के 325 पदों को भरने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। इसके साथ ही हाकफोर्स के रिक्त 70 से ज्यादा पद भी जल्द भरे जाएंगे। इस तरह आने वाले समय में हाकफोर्स के 400 पद भरने की तैयारी है, जो गृहमंत्री अमित शाह के मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की नीति में अहम माना जा रहा है