स्कूलों में बम की फर्जी धमकी देने का आरोपी निकाला 12वीं का छात्र, अफजल गुरु से लिंक 

नई दिल्ली । दिल्ली के 400 स्कूलों में बम की फर्जी धमकी देने वाले को दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को पकड़ लिया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी 12वीं का छात्रा है। उसकी फैमिली एक एनजीओ के संपर्क में थी, जो अफजल गुरु की फांसी का विरोध कर रहा था।
दरअसल, दिल्ली में 2024 में मई से लेकर दिसंबर तक 50 बम की धमकियां भेजी गईं। इसमें सिर्फ स्कूल ही नहीं अस्पताल, एयरपोर्ट और एयरलाइन कंपनियां भी शामिल हैं। इस महीने 4 बार स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है।
मामले के सामने आते ही भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेसवार्ता कर कहा कि सभी को पता है कि आप का इसतरह के एनजीओ से गहरा संबंध है, जिन्होंने अफजल गुरु की फांसी का विरोध किया था। फरवरी 2015 में अफजल गुरु की बरसी पर टुकड़े-टुकड़े के नारे लगाए गए थे और आप ने महीनों तक उस फाइल को बंद रखा। आप को सामने आकर इन सवालों का जवाब देना चाहिए।
वहीं दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामले में एक राजनीतिक दल का नाम सामने आया स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) मधुप तिवारी ने प्रेसवार्ता कर मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमारी टीमों ने 8 जनवरी को आए ई-मेल के बाद नाबालिग को ट्रैक किया। ई-मेल भेजने वाला नाबालिग था, इसलिए टीम ने फोरेंसिक जांच के लिए उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने नाबालिग के भेजे 400 धमकी भरे ईमेल ट्रैक किए। छात्र के पिता के बैकग्राउंड की भी जांच की। वे एक एनजीओ के साथ काम कर रहे हैं। जांच में सामने आया हैं कि यह एनजीओ अफजल गुरु की फांसी के विरोध से जुड़ा था और एक राजनीतिक दल की भी मदद कर रहा है। पुलिस ने राजनीतिक दल का नाम नहीं जाहिर किया है। पुलिस अब इस एंगल पर जांच कर रही है कि इस बच्चे के पीछे कहीं कोई और नहीं जो मेल करवा रहा है।
भाजपा नेता त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के माता-पिता ने गुरु की दया याचिका का समर्थन किया था। इन दोनों के बीच एक सीधा दिखाई देता है। क्या आप इसमें शामिल है? इन एनजीओ के लोग कौन हैं और क्या उनका आम आदमी पार्टी से संबंध है?
मैं अरविंद केजरीवाल से अपील करता हूं कि वे सामने आएं और आप को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इन लोगों के साथ उनका क्या संबंध है। अगर नाबालिग यह सब कर रहे हैं, तब इसतरह के एनजीओ देश के बच्चों के दिमाग में किस तरह का जहर घोल रहे हैं? हम आप से स्पष्ट जवाब चाहते हैं। अगर उन्होंने साफ जवाब नहीं दिया, तब संदेह और गहरा हो जाएगा।