ऑनलाइन सट्टा गिरोह, 68 बैंक खातों में 25 करोड़ का लेनदेन, पुलिस को बैंकों से नहीं मिल सकी कोई जानकारी

अंबिकापुर: सरगुजा में सक्रिय डब्लू फिफ्टी टू (डब्लू 52) सट्टा गिरोह की गतिविधियों की जांच तेज हो गई है। अब तक की जांच में गिरोह द्वारा संचालित 68 बैंक खातों की जानकारी सामने आई है। इन खातों में 25 करोड़ रुपए के लेन-देन की पुष्टि हुई है। अधिकांश बैंकों से पुलिस अभी जानकारी हासिल नहीं कर पाई है। पुलिस इस गिरोह के मुख्य आरोपी सुधीर गुप्ता को रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ में कुछ नए तथ्य भी सामने आए हैं, जिसके आधार पर पुलिस सट्टा कारोबार से जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। मालूम हो कि सुधीर गुप्ता के चार साथियों को सबसे पहले पुलिस ने पकड़ा था। शुरुआती जांच में ही इस बात की पुष्टि हो गई थी कि आरोपियों ने देश के 15 बैंकों की अलग-अलग शाखाओं में फर्जी खाते खोल रखे थे और ऑनलाइन माध्यम से सट्टे की रकम का लेन-देन कर रहे थे। क्रिकेट मैचों में सट्टा लगाया जा रहा था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इनमें से सिर्फ चार-पांच बैंकों से ही जानकारी मिल सकी है। इसमें 25 करोड़ रुपए के लेन-देन का पता चला है। चिन्हित बैंकों में से आधे से अधिक के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास अभी भी किया जा रहा है।

बैंकों की भूमिका भी संदिग्ध

पूरे मामले में बैंकों की भूमिका भी संदिग्ध है। आमतौर पर बैंकों पर लोगों को अपने ही खातों से पैसे निकालने के लिए प्रक्रियाओं में उलझाने का आरोप लगता है। लेकिन, फर्जी खातों से इतनी बड़ी रकम का लेन-देन कैसे हुआ, यह भी जांच का विषय है। सरगुजा पुलिस ने बैंकों की भूमिका की भी जांच की है। पुलिस के मुताबिक, इस बात की भी पुष्टि हुई है कि आरोपियों ने दूसरे लोगों के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लेकर फर्जी तरीके से बैंक खाते खोले हैं। इन फर्जी खातों से बड़ी रकम का लेन-देन भी हुआ है। यह काम कुछ लोगों की जानकारी के बिना फर्जी तरीके से किया गया है। पूरी संभावना है कि कुछ लोगों ने कमीशन के लिए आरोपियों को अपने बैंक खातों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी होगी।

घरेलू मैचों में भी लगाया जा रहा था सट्टा

क्रिकेट मैचों में भी सट्टा लगाया जा रहा था। अंतरराष्ट्रीय मैचों के अलावा घरेलू क्रिकेट मैचों में भी सट्टा लगाया जा रहा था। जब पुलिस ने सट्टा अड्डे पर छापा मारा, तब ऑस्ट्रेलिया लीग का मैच चल रहा था। सट्टेबाज उस मैच पर भी सट्टा लगा रहे थे। आमतौर पर सट्टा सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मैचों पर ही लगाया जाता है, लेकिन अंबिकापुर का गिरोह घरेलू क्रिकेट मैचों पर भी सट्टा लगा रहा था।