‘झूठे वादों से सत्ता कायम नहीं रह सकती’, अरविंद केजरीवाल के वादों पर उठाए- देवेंद्र यादव

दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। इस बीच तीनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए ये चुनाव 5 फरवरी को होंगे और इसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप), भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा। चुनाव प्रचार के दौरान दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कई योजनाओं की घोषणा की थी। इन योजनाओं को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने केजरीवाल पर हमला बोला और आरोप लगाया कि जनता का समर्थन खिसकने के डर से अरविंद केजरीवाल पुराने वादों को दोहरा रहे हैं।

देवेंद्र यादव का आरोप

देवेंद्र यादव ने आप पर आरोप लगाते हुए कहा, आप संयोजक (अरविंद केजरीवाल) ने 2015 और 2019 में भी किराएदारों को मुफ्त बिजली और पानी देने का वादा किया था। आप सरकार पिछले 10 सालों में अपने वादों को पूरा करने में विफल क्यों रही? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अरविंद केजरीवाल झूठी घोषणाएं करके किराएदारों की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने किराएदारों को समान अधिकार और सब्सिडी का लाभ देने के केजरीवाल के वादों पर सवाल उठाए।

केजरीवाल के वादों पर उठाए सवाल

देवेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल के वादों पर सवाल उठाते हुए कहा कि मकान मालिकों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल रहा है तो किराएदारों से किए गए वादे कैसे पूरे होंगे। अरविंद केजरीवाल की नई घोषणाएं संदिग्ध हैं। उन्होंने पिछले वादों की याद दिलाते हुए अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछे। यादव ने आगे कहा कि वायु और जल प्रदूषण, डीटीसी की खराब हालत, खराब स्वास्थ्य व्यवस्था पर केजरीवाल चुप क्यों हैं। मानसून के दौरान दिल्ली में 30 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वायु प्रदूषण की विकराल समस्या के कारण बार-बार स्कूलों को बंद करना पड़ रहा है।

समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया

दिल्ली में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। मानसून के दौरान बारिश का पानी सड़कों पर आ जाता है जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है। अरविंद केजरीवाल को चुनाव के बाद फिर से जेल जाने का डर है। इसलिए वह जनता से झूठे वादे करने को मजबूर हैं। अरविंद केजरीवाल को अपने पिछले वादों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।