रायपुर
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद उन पर गिरफ्तारी की भी तलवार लटक गई है। ईडी ने चैतन्य को पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया है। छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले में उनसे मंगलवार को पूछताछ होगी। माना जा रहा है कि यदि ईडी उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं हुई तो गिरफ्तार भी कर सकती है।
ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में भूपेश बघेल के बेटे और पूर्व सीएम के ठिकानों पर छापेमारी की। चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, इसलिए उस परिसर पर भी छापेमारी की गई। दुर्ग जिले में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई परिसर, चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य के परिसरों समेत 14 ठिकानों की धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली गई। बघले के अवासा से ईडी ने दस्तावेज और 30 लाख से अधिक की नकदी बरामद की है।
ईडी की छापेमारी के बीच दिनभर बघेल के आवास के बाहर समर्थक हंगामा करते रहे। आरोप है कि ईडी की टीम जब आवास से बाहर आई तो कार को घेर लिया गया। आरोप है कि टीम पर पथराव भी किया गया। इससे पहले दिन में भी कई बार समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हुई थी। दिनभर नारेबाजी चलती रही। छापेमारी सुबह करीब सात बजे शुरू हुई और ईडी के तलाशी दल के साथ सीआरपीएफ का सुरक्षा दल भी था।
ईडी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी को संदेह है कि चैतन्य बघेल शराब घोटाले के अपराध से हुई आय के 'प्राप्तकर्ता' हैं। ईडी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ के कारण राज्य के राजस्व को 'भारी नुकसान' हुआ और इस अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में गई। ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी।